
आगामी अंक
आगामी अंक – ‘समीचीन’ का आगामी अक्टूबर-दिसंबर 2025 अंक
विद्वत परीक्षक मंडल (Peer Review Team) द्वारा अनुमोदित
‘समीचीन' साहित्य, समाज, संस्कृति और राजनीति के खुले मंच की एक अव्यावसायिक, यू.जी.सी. केयर लिस्टेड एवं विद्वत परीक्षक-मण्डल द्वारा अनुमोदित सहित्यिक शोध-पत्रिका है, जिसका प्रकाशन प्रसिद्ध कथाकार-समीक्षक डॉ. देवेश ठाकुर के संपादन में सन् 1984 से लगातार होता आ रहा है। वर्तमान में इसका सम्पादन डॉ. सतीश पांडेय कर रहे हैं।
इसका अक्टूबर-दिसंबर 2025 का अंक शीघ्र ही प्रकाशित होगा। इस अंक हेतु आपके शोध-आलेख / समीक्षाएँ आमंत्रित हैं। आलेख भेजने कुछ आवश्यक निर्देश इस प्रकार हैं।
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आप अपनी रचनाएँ हिन्दी यूनीकोड में 12 फॉण्ट साइज़ में ही टंकण किया हुआ भेजें। किसी अन्य फॉण्ट में रचनाएँ स्वीकार नहीं की जायेगी।
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रचनाएँ वर्ड फ़ाइल में पत्रिका के ईमेल आई. डी. sameecheen@gmail.com पर ही भेजें।
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शोध-आलेख निम्न प्रारूप में ही भेजें:
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शोध आलेख का विषय, अपना नाम, आलेख के अंत में विभाग का नाम, संस्थान का नाम अथवा पता, ई-मेल एवं मोबाइल नंबर।
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शोध आलेख में -- शोध सार, बीज शब्द, शोध आलेख, और उपसंहार अवश्य हो ।
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संदर्भ-सूची में लेखक का उपनाम, नाम, पुस्तक का नाम, प्रकाशक का नाम, प्रकाशन का स्थान, प्रकाशन-वर्ष और अंत में पृष्ठ संख्या अवश्य लिखें ।
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रचनाएँ पूर्णत: मौलिक एवं अप्रकाशित होनी चाहिए। पूर्व प्रकाशित रचना यदि प्रकाशित हो जाती हैं तो उसका पूर्ण उत्तरदायित्व लेखक का होगा।
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रचना के अप्रकाशित और मौलिक होने की वचनबद्धता का एक प्रमाणपत्र रचना के साथ अवश्य भेजें।
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किसी अन्य फॉण्ट में स्कैन किया हुआ, पीडीएफ अथवा मेल बॉक्स में कॉपी पेस्ट कर भेजी गयी रचना किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं की जायेगी । उसके लिए अलग से कोई प्रतिउत्तर भी नहीं दिया जायेगा।
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यदि शोध-आलेख एवं भेजी गयी रचना कॉपीराईट का उल्लंघन करती है अथवा किसी अन्य रचना या पूर्व प्रकाशित रचना का कोई अंश बिना प्रकाशक एवं लेखक की पूर्वानुमति के प्रकाशित हो जाता है तो उसका पूर्ण उत्तरदायित्व लेखक एवं रचनाकार का होगा । संपादक परोक्ष या अपरोक्ष रूप से इसके लिए उत्तरदायी नहीं होगा।
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कृपया शोध-आलेख भेजने के पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि उसमें व्याकरण एवं मात्राओं की अशुद्धियाँ किसी भी स्थिति न हों ।
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आलेख 2000 से 2500 शब्दों का हो ।
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शोध-पत्र की सामग्री कहीं से चोरी की गयी (plagiarism) नहीं होनी चाहिए ।
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अपना आलेख 31 अक्टूबर 2025 तक sameecheen@gmail.com पर भेज दें। उसके बाद आलेख स्वीकृत नहीं किया जाएगा।
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आपके आलेख की स्वीकृति / अस्वीकृति की जानकारी आपको ई-मेल द्वारा भेज दी जायेगी।
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पत्रिका अव्यावसायिक तौर पर प्रकाशित होती है। अत: सुधी जनों से रचनात्मक सहयोग के साथ-साथ आर्थिक सहयोग की भी अपेक्षा है।
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अन्य जानकारी हेतु हमारे वेबसाइट sameecheen.com पर देखें।
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जो साहित्य प्रेमी पत्रिका के सदस्य बन रहे हैं, वे सीधे पैसा भरने के बाद रसीद, अपना नाम व पता अवश्य भेज दें ताकि हम आपको पत्रिका भेज सकें
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यदि आपको पत्रिका रजिस्टर्ड डाक से भेजनी है तो प्रत्येक प्रति का डाक खर्च 25 रुपए के हिसाब से अतिरिक्त भेजें।
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पत्रिका की सदस्यता लेना आलेख छपने की सुनिश्चितता न समझें। इसका निर्णय विद्वत परीक्षक मण्डल और संपादकीय विभाग लेगा |
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अब आप इस QR कोड को स्कैन कर के ऑनलाइन पेमेंट भी कर सकते हैं
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‘समीचीन’ का आगामी अंक (जनवरी-मार्च 2026)
विद्वत परीक्षक-मण्डल द्वारा अनुमोदित (Peer Reviewed)
विशेष सूचना
आदरणीय रचनाकार साथियो,
सादर अभिवादन
पिछले दिनों पंडित विद्यानिवास मिश्र जी के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में 'समीचीन' के आगामी (जनवरी 2026) विशेषांक हेतु आप लोगों से रचनात्मक सहयोग का अनुरोध किया था, जिसके प्रत्युत्तर में आप लोगों के प्रोत्साहन से बहुत अधिक उत्साह मिला था I
मिश्रजी के निबंधों, संस्मरणों या उनके भाषा-चिंतन आदि संबंधी किसी भी विषय पर आपका आलेख नवंबर 2025 के अंत तक मिल जाएगा तो समय से पत्रिका प्रकाशित हो सकेगी I
आशा है, आप सब का सहयोग पहले की तरह ही अवश्य मिलेगा I
आलेखों की प्रतीक्षा में
संपर्क : संपादक -डॉ. सतीश पांडेय : 8928189656 |संयुक्त संपादक- डॉ. प्रवीण चंद्र बिष्ट : 9920287304
